1988 में बाबा आमटे से हुई मुलाकात के बाद सुधीर भाई ने सभी प्रकार के सुख और वैभव को छोड़कर उज्जैन से 15 किलोमीटर दूर ग्राम अम्बोदिया में 14 बीघा भूमिदान देकर आश्रम की स्थापना की जो आज पीड़ित मानवता की सेवा के क्षेत्र में ‘अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम‘ की स्थापना कीजिसने जल संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में अपने कार्यों से देश विदेश में सराहना हासिल की। सेवा की इस यात्रा में सुधीर भाई को घर परिवार में सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनकी ससुराल के पक्ष से उन्हें इस बात का बेहद दबाव झेलना पड़ा कि वह कोई बड़ा उद्योग या कारोबार शुरू करें लेकिन उन्होंने इस दबाव को स्वीकार नहीं किया। वह अपनी सहधर्मिणी के प्रति कृतज्ञता का भाव व्यक्त करते हैं कि पत्नी कांता देवी ने उनका बहुत साथ दिया। इसी से उनकी यात्रा सुगम हो सकी। वर्ष 1984 में जन्मे उनके पुत्र अंकित की सात वर्ष की अवस्था में ही देहांत हो गया। जिसकी स्मृति उन्हें आज भी ताजा है। उन्होंने सेवाधाम आश्रम में बने आश्रय स्थलों के समूह को अंकित ग्राम का नाम दिया है। सुधीर भाई ने वर्ष 1994 में वस्त्र त्याग दिये और शरीर पर केवल तीन श्वेत वस्त्र धारण करना शुरू किया। सम्मानित समाजसेवी बाबा आमटे भारत के प्रमुख...
प्रेरणास्रोत
उज्जैन में एक संस्थागत कार्यक्रम में 13 मार्च 1987 को मदर टेरेसा हुई मुलाकात...
धर्मप्रेम बन्धुओं, माता बहनो, जिस परिसर में, जिस वातावरण में, जिस माहोल में आकार...
श्रीमद् विजयरत्न सुन्दर सुरीश्वरजी महाराज साहेब की पवित्र वाणी से सेवाधाम के बारे में व्यक्त...
सुधीर भाई ने महान समाज सुधारक विश्व विंद्य महाराजा अग्रसेन जिन्होंने 5145 वर्ष पूर्व...
सुधीर भाई तो डॉक्टर बनना चाहते थे । 1976 में आचार्य विनोबा भावे से...
ऊँ श्री सदगुरु रणछोड़दासाय समर्थाय नमः चित्रकूट के मानवसेवी सदगुरु श्री रणछोड़दासजी महाराज के...