
पद्मभूषण डाॅ. शिवमंगल सिंह सुमन, महामहोपाध्याय आचार्य श्रीनिवास रथ के बाद वरिष्ठ पत्रकार और चिंतक डाॅ. वेदप्रताप वैदिक इस संस्था के अध्यक्ष है।

सेवाधाम को इन्दौर के वरिष्ठ समाजसेवियों सर्वश्री प्रबल सिंह सुराणा, श्री समरथमल संघवी और श्री सुधीर भाई कुमट, डाॅ. धीरज गांधी, श्री इन्द्रवेद आर्य, श्री सरदारमल तांतेड़ और दिल्ली के त्रिलोकनाथ बाली ने नया जीवन दिया, वही मुख्य संरक्षक डिडवानिया (रतनलाल) चेरिटेबल ट्रस्ट, मुम्बई इसका आधार के ही उद्योगपति श्री राधेश्याम शर्मा ‘गुरूजी’, श्री शिवकुमार चौधरी, श्री अशोक जाशी जैसे सेवा सारथी इसके विकास की बागडौर थामे है।
पद्मभूषण डाॅ. शिवमंगल सिंह सुमन, महामहोपाध्याय आचार्य श्रीनिवास रथ के बाद वरिष्ठ पत्रकार और चिंतक डाॅ. वेदप्रताप वैदिक इस संस्था के अध्यक्ष है।
शिक्षा गुरू श्री राजेन्द्र सिंह हाड़ा, डाॅ. अनिल भण्डारी (इन्दौर) उपाध्यक्ष और प्रबल सिंह सुराणा, समरथमल संघवी, बी.के. दवे, ओ.पी. बगड़िया जैसे सेवा समर्पितों के साथ कार्यकारिणी में सुधीर भाई के अतिरिक्त श्रीमती कांता गोयल अपना सम्पूर्ण समय बेटी मोनिका और गौरी के सहभाग से सेवांगन की अर्पण कुटी में रहकर निष्ठावान सेवासारथियों के साथ सेवाधाम को दे रहे है।
आप भी तन-मन-धन से धर्मभूमि में स्थित सेवातीर्थ को अपनी सेवांजलि अर्पित कर सकते है।

सुधीर भाई का कहना है सेवाधाम के परिवार में 700 से अधिक सदस्यों को प्रतिदिन चाय, नाश्ता, सुबह-शाम भोजन, सेवा-सुश्रुषा, औषधी, देखरेख उनकी औकात और ताकत से बाहर है। परमपिता परमात्मा का यह कार्य उनकी प्रेरणा से केवल दानी महानुभावों के सेवा के प्रति विश्वास से ही संभव हो सका है। यहां बिना किसी जाति, धर्म, सम्प्रदाय भेद के भारत के विभिन्न हिस्सो से आए विशिष्टजनों की सेवा की जाती है और मरणोपरांत धर्मानुसार और इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाता है। आश्रम में देहदान, नेत्रदान, स्वास्थ्य सेवाओं और गौवंश की रक्षा के क्षैत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। जहां कोई अनाम नही जहां सबको अपना नाम दिया आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई ने।
