April 24, 2025

पतंजलि के संस्थापक आचार्य_बालकृष्ण जी को “विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान” से किया अलंकृत किया गया !

सेवा की अद्भूत मिसाल कायम करने वाला अनूठा सेवाधाम_आश्रम सेवा करने वालो का ट्रेनिंग सेंटर बने – आचार्य बालकृष्ण !

आज देश को हजारों सुधीर_भाई की जरूरत है क्योंकि उनके मन का दर्द ही सेवा का रूप लेता है !

पतंजलि सेवाधाम में आगामी 12_वर्ष तक अनाज की उपलब्धता कराएगा !

मानव_सेवा_तीर्थ सेवाधाम आश्रम ‘अंकित ग्राम’, में पीड़ित-शोषित और समाज से ठुकराए लोगों की निस्वार्थ सेवा हो रही है यह करना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है, इस तरह की परम्पराऐं आगे बढ़ना चाहिए, इस देश को हजारों सुधीर भाई की आवश्यकता है। सुधीर भाई मरकर भी सेवाधाम आश्रम की चैकीदारी करना चाहते है, इससे बड़ी कोई बात नही हो सकती, हिन्दू संस्कृति में सेवा से बड़ा कोई कार्य नही है और यह कार्य सेवाधाम आश्रम में हो रहा है, सेवाधाम आश्रम सेवा करने वाली संस्थाओं का ट्रेनिंग सेंटर बन सकता है, सेवा की अद्भूत मिसाल कायम करने वाले इस आश्रम में दीन – दुखियों की जो सेवा हो रही है उसकी कल्पना आसान नही है, अपना सारा जीवन मानवता की सेवा के लिए अर्पित करना बहुत बड़ा तप है, आज परिवार में बीमार व्यक्ति को तिरस्कृत किया जाता है लेकिन 700 से ज्यादा जिनमें अधिकांश बिस्तर पर है उनकी सेवा का जो कार्य यहां हो रहा है यह अकल्पनीय है, आश्चर्य यह भी है कि सेवा करने वाला थक नही रहा है, सुधीर भाई जैसे लोग इतिहास बनाते है, आने वाले वर्षों में सेवाधाम मिसाल बनेगा, उक्त उद्गार सेवाधाम आश्रम के मंच से #योग_आयुर्वेद को विश्व में पहुंचाने वाले विश्व वंद्य वनस्पति विज्ञानी, #पतंजलि_योगपीठ, #हरिद्वार के संस्थापक-सचिव आचार्य बालकृष्ण ने व्यक्त करते हुए कहा कि सुधीर भाई सेवा नही कर रहे है बल्कि उनके मन में पीड़ितों का जो दर्द है, पीड़ा है उस दर्द को, उस पीड़ा का उपचार कर रहे है, ऐसा ही दर्द हम सबके दिल में होना चाहिए, उन्होंने बताया कि उनके गुरू ने बनारस में एक वृद्ध के शरीर में पड़े कीड़े निकाले तब मन नही करता था कि गुरूदेव का साथ दू लेकिन चार पाच दिन बाद मन में सेवा का भाव जागृत हुआ। ऐसा ही भाव हर व्यक्ति के दिल में होना चाहिए, उन्होंने कहा कि सेवाधाम का यह स्वरूप ऐसे ही नही बना बल्कि इसके लिए सुधीर भाई ने न जाने कितनी राते आंखों में आंसू लेकर गुजारी होगी, इसका अनुभव करना बेहद कठिन कार्य है।

उन्होंने कहा कि आज देश में षड़यंत्र करके चोर और समाज के विपरित कार्य करने वाले को साधू को अपराधी के रूप में दिखाया जाता है, जबकि दूसरे धर्म के लोगों को इस तरह बताया जाता है मानो वह #मानव_सेवा के पर्याय हो, साधु की छवि मानव सेवा के विपरित दिखाने का जो षड़यंत्र देश में चल रहा है, वह ठीक नही है। सेवाधाम ने इस मिथक को भी तोड़ा है, सुधीर भाई ने पूरी दुनिया को अपना माना है और सेवा करने में थकते नही है, सुधीर भाई पूरे देश में सेवा की परम्परा के संवाहक है। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण को #विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान से अलंकृत भी किया गया, सम्मान पत्र के साथ उन्हें सम्राट विक्रमादित्य की विशाल प्रतिमा भी भेंट की गई। यह सम्मान मंच पर मौजूद विद्वतजन की उपस्थिति में दिया गया।

अध्यक्षयीय उद्बोधन में चिंतक, पत्रकार और लेखक डाॅ. #वेद_प्रताप_वैदिक ने कहा कि बड़े बड़े बादशाहों, नेताओं, मंत्रियों ने जो नही किया वह काम सेवाधाम कर रहा है। आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद की प्रतिष्ठा का डंका पूरे विश्व में बजाया है।

स्वागत भाषण में सेवाधाम के संस्थापक #सुधीर_भाई_गोयल ने कहा कि 30 साल से भी ज्यादा का श्रम है, अनके संघर्षों के बाद आज सेवाधाम का यह रूप सपने है सेवाधाम में सिर्फ मेरा पुरूषार्थ नही बल्कि सैकड़ों लोगों का सहयोग मिला है, #योग_गुरू#बाबा_रामदेव जैसे संतों ने इस आंगन को पवित्र किया है।

अनेक प्रकल्पों की शुरूआत आचार्य बालकृष्ण ने की – आचार्य बालकृष्ण ने आश्रम का दो घंटे अवलोकन किया एवं विभिन्न सेवा प्रकल्पों में जाकर आश्रम में निवासरतों से आत्मीय मुलाकात की और उनके दुःख दर्द में शामिल हुए। आपने #आचार्य_बालकृष्ण_हर्बल_उद्यान का विधिवत शुभारंभ करते हुए औषधीय पौधें रोपें, इसके साथ ही जखनी के जययोद्धा के सहयोग से #प्रधानमंत्री की मन की बात के अनुरूप खेत पर मेंढ़, मेढ़ पर पेड़ को साकार करते हुए मेंढ़ पर पेड़ लगाए। #मुख्यमंत्री#शिवराज_सिंह_चौहान की मंशानुरूप सतगुरू जीवन उन्नयन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, इस अवसर पर 5 कुपोषित बच्चों को परिवार सहित अपनाया। इस अवसर पर #दगल_टीवी, #इन्दौर द्वारा आश्रम के विशेष बच्चों के लिए आधुनिक #स्मार्ट_क्लाॅस का शुभारम्भ भी किया साथ ही 100 #चिकित्सकी_पलंग के साथ फिजीयोथैरेपी सेंटर उन्नय का अवलोकन किया।

#विक्रमादित्य_राष्ट्र_विभूति_सम्मान से अलंकृत हुए आचार्य बालकृष्ण

अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम में आचार्य बालकृष्ण को विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान से अलंकृत किया गया। इस गरिमामयी आयोजन में उज्जैन के विद्वत सभा में वरिष्ठ पत्रकार, चिंतक एवं जन दक्षेस के संस्थापक-अध्यक्ष डाॅ. वेद प्रताप वैदिक की अध्यक्षता में मोजूद पूर्व मंत्री श्री पारस चन्द्र जैन, उद्योगपति श्री पवन सिंघानिया, विक्रम_विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डे, जखनी के जलयोद्धा श्री उमाशंकर पाण्डे, श्री मणीन्द्र जैन, कार्यकारी अध्यक्ष जैन इंटरनेशनल आर्गेनाईजेशन दिल्ली, पारस जैन, पूर्व नगर निगम अध्यक्ष प्रकाश चित्तोड़ा आदि मौजूद थे।

आश्रम की भूमि को देखा

आचार्य बालकृष्ण ने सेवाधाम आश्रम की जमीनों को देखा और भविष्य में पतंजलि के साथ बड़ी योजना को मूर्तरूप देने का आश्वासन दिया। आश्रम के द्वार पर सद्गुरू बैण्ड से उनका पुष्पवर्षा कर स्वागत किया और 28 राज्यों की वेशभूषा में सजे बच्चों ने अपना परिचय दिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में मन मोहा

मंच पर सेवाधाम आश्रम के बच्चो ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, दृष्टिबाधित भोली अग्रवाल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया, विशेष बच्चों ने भगवान विष्णु के दशावतार के नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया, अनाम प्रेम मुम्बई की मिताली प्रभूणे एवं स्पंदना तेली ने सरस्वती वंदना का गायन किया।

लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार टिल्लन रिछारिया, अनाम प्रेम की मिनल कातरनिकर एवं दिल्ली से पधारे श्री लोकेश शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। संस्थापक-संचालक सुधीर भाई ने सेवाधाम के बारे में संक्षिप्त परिचय प्रदान किया, आभार जलग्राम जखनी जलयोद्धा उमाशंकर पाण्डे ने किया।